narayan yogi
ये मन मारा ले संतगुरु की
सत्संग की महिमा वेद बतावें
खोवें मत बिरा मनक जन्म की मौज
Narayan Nath
थारी चुंदड़ी रा चटका दिन चार
राम जी मलेला कांई सा
Parkash Yogi
थारो नम्बर बिजी और
गगन में जाय खड़ी उठें पुगे वाला नाय
सत्संग में बेगा आवों सा सतगुरु
में तो उण रे संता रो दास
गोरी चाला ये खरनालिया