
Geeta Darshan Vol-17 # Ep.197
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Episode · 1:58:20 · Oct 23, 2023
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DATES AND PLACES : MAY 21-31 1975 Seventeenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-17 by Osho. These discourses were given during MAY 21-31 1975. --------------------------------------- ॐ तत्सदिति निर्देशो ब्रह्मणस्त्रिविधः स्मृतः।ब्राह्मणास्तेन वेदाश्च यज्ञाश्च विहिताः पुरा।। 23।।तस्मादोमित्युदाहृत्य यज्ञदानतपःक्रियाः।प्रवर्तन्ते विधानोक्ताः सततं ब्रह्मवादिनाम्।। 24।।तदित्यनभिसंधाय फलं यज्ञतपःक्रियाः।दानक्रियाश्च विविधाः क्रियन्तेमोक्षकांक्षिभिः।। 25।।और हे अर्जुन, ओम तत् सत्, ऐसे यह तीन प्रकार का सच्चिदानंदघन ब्रह्म का नाम कहा है, उसी से सृष्टि के आदि काल में ब्राह्मण और वेद तथा यज्ञादिक रचे गए हैं।इसलिए ब्रह्मवादिन पुरुषों की शास्त्र-विधि से नियत की हुई यज्ञ, दान और तप-रूप क्रियाएं सदा ओम, ऐसे इस परमात्मा के नाम को उच्चारण करके ही आरंभ होती हैं।और तत् अर्थात तत् नाम से कहे जाने वाले परमात्मा का ही यह सब है, इस भाव से फल को न चाहकर नाना प्रकार की यज्ञ, तप-रूप क्रियाएं तथा दान-रूप क्रियाएं मोक्ष की इच्छा वाले पुरुषों द्वारा की जाती हैं।
1h 58m 20s · Oct 23, 2023
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