
Geeta Darshan Vol-17 # Ep.196
Episode · 0 Play
Episode · 1:25:37 · Oct 23, 2023
About
DATES AND PLACES : MAY 21-31 1975 Seventeenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-17 by Osho. These discourses were given during MAY 21-31 1975. --------------------------------------- दातव्यमिति यद्दानं दीयतेऽनुपकारिणे।देशे काले च पात्रे च तद्दानं सात्त्विकं स्मृतम्।। 20।।यत्तु प्रत्युपकारार्थं फलमुद्दिश्य वा पुनः।दीयते च परिक्लिष्टं तद्दानं राजसं स्मृतम्।। 21।।अदेशकाले यद्दानमपात्रेभ्यश्च दीयते।असत्कृतमवज्ञातं तत्तामसमुदाहृतम्।। 22।।हे अर्जुन, दान देना ही कर्तव्य है, ऐसे भाव से जो दान देश, काल और पात्र के प्राप्त होने पर प्रत्युपकार न करने वाले के लिए दिया जाता है, वह दान तो सात्विक कहा गया है।और जो दान क्लेशपूर्वक तथा प्रत्युपकार के प्रयोजन से अथवा फल को उद्देश्य रखकर फिर दिया जाता है, वह दान राजस कहा गया है।और जो दान बिना सत्कार किए अथवा तिरस्कारपूर्वक, अयोग्य देश-काल में कुपात्रों के लिए दिया जाता है, वह दान तामस कहा गया है।
1h 25m 37s · Oct 23, 2023
© 2023 Podcaster