
Geeta Darshan Vol-14 # Ep.169
Episode · 1 Play
Episode · 1 Play · 1:25:37 · Oct 9, 2023
About
DATES AND PLACES : DEC 01-10 1973. BOMBAY Fourteenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-14 by Osho. These discourses were given in BOMBAY during DEC 01-10 1973. --------------------------------------- नान्यं गुणेभ्यः कर्तारं यदा द्रष्टानुपश्यति।गुणेभ्यश्च परं वेत्ति मद्भावं सोऽधिगच्छति।। 19।।गुणानेतानतीत्य त्रीन्देही देहसमुद्भवान्।जन्ममृत्युजरादुःखैर्विमुक्तोऽमृतमश्नुते।। 20।।और हे अर्जुन, जिस काल में द्रष्टा तीनों गुणों के सिवाय अन्य किसी को कर्ता नहीं देखता है अर्थात गुण ही गुणों में बर्तते हैं, ऐसा देखता है और तीनों गुणों से अति परे सच्चिदानंदघनस्वरूप मुझ परमात्मा को तत्व से जानता है, उस काल में वह पुरुष मेरे स्वरूप को प्राप्त होता है।तथा यह पुरुष इन स्थूल शरीर की उत्पत्ति के कारणरूप तीनों गुणों को उल्लंघन करके जन्म, मृत्यु, वृद्धावस्था और सब प्रकार के दुखों से मुक्त हुआ परमानंद को प्राप्त होता है।
1h 25m 37s · Oct 9, 2023
© 2023 Podcaster