
Geeta Darshan Vol-14 # Ep.166
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Episode · 1:30:46 · Oct 8, 2023
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DATES AND PLACES : DEC 01-10 1973. BOMBAY Fourteenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-14 by Osho. These discourses were given in BOMBAY during DEC 01-10 1973. --------------------------------------- रजस्तमश्चाभिभूय सत्त्वं भवति भारत।रजः सत्त्वं तमश्चैव तमः सत्त्वं रजस्तथा।। 10।।सर्वद्वारेषु देहेऽस्मिन्प्रकाश उपजायते।ज्ञानं यदा तदा विद्याद्विवृद्धं सत्त्वमित्युत।। 11।।लोभः प्रवृत्तिरारम्भः कर्मणामशमः स्पृहा।रजस्येतानि जायन्ते विवृद्धे भरतर्षभ।। 12।।और हे अर्जुन, रजोगुण और तमोगुण को दबाकर सत्वगुण होता है अर्थात बढ़ता है तथा रजोगुण और सत्वगुण को दबाकर तमोगुण बढ़ता है; वैसे ही तमोगुण और सत्वगुण को दबाकर रजोगुण बढ़ता है।इसलिए जिस काल में इस देह में तथा अंतःकरण और इंद्रियों में चेतनता और बोध-शक्ति उत्पन्न होती है, उस काल में ऐसा जानना चाहिए कि सत्वगुण बढ़ा है।और हे अर्जुन, रजोगुण के बढ़ने पर लोभ और प्रवृत्ति अर्थात सांसारिक चेष्टा तथा सब प्रकार के कर्मों का स्वार्थ-बुद्धि से आरंभ एवं अशांति अर्थात मन की चंचलता और विषय-भोगों की लालसा, ये सब उत्पन्न होते हैं।
1h 30m 46s · Oct 8, 2023
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