
Geeta Darshan Vol-14 # Ep.165
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Episode · 1:30:28 · Oct 7, 2023
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DATES AND PLACES : DEC 01-10 1973. BOMBAY Fourteenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-14 by Osho. These discourses were given in BOMBAY during DEC 01-10 1973. --------------------------------------- रजो रागात्मकं विद्धि तृष्णासङ्गसमुद्भवम्।तन्निबध्नाति कौन्तेय कर्मसङ्गेन देहिनम्।। 7।।तमस्त्वज्ञानजं विद्धि मोहनं सर्वदेहिनाम्।प्रमादालस्यनिद्राभिस्तन्निबध्नाति भारत।। 8।।सत्त्वं सुखे संजयति रजः कर्मणि भारत।ज्ञानमावृत्य तु तमः प्रमादे संजयत्युत।। 9।।हे अर्जुन, रागरूप रजोगुण को कामना और आसक्ति से उत्पन्न हुआ जान। वह इस जीवात्मा को कर्मों की और उनके फल की आसक्ति से बांधता है।और हे अर्जुन, सर्व देहाभिमानियों के मोहने वाले तमोगुण को अज्ञान से उत्पन्न हुआ जान। वह इस जीवात्मा को प्रमाद, आलस्य और निद्रा के द्वारा बांधता है।क्योंकि हे अर्जुन, सत्वगुण सुख में लगाता है और रजोगुण कर्म में लगाता है तथा तमोगुण तो ज्ञान को आच्छादन करके अर्थात ढंककर प्रमाद में भी लगाता है।
1h 30m 28s · Oct 7, 2023
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