
Geeta Darshan Vol-13 # Ep.160
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Episode · 1:16:54 · Oct 5, 2023
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DATES AND PLACES : MAY 04-13 1973. BOMBAY Thirteenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-13 by Osho. These discourses were given in BOMBAY during MAY 04-13 1973. --------------------------------------- समं सर्वेषु भूतेषु तिष्ठन्तं परमेश्वरम्।विनश्यत्स्वविनश्यन्तं यः पश्यति स पश्यति।। 27।।समं पश्यन्हि सर्वत्र समवस्थितमीश्वरम्।न हिनस्त्यात्मनात्मानं ततो याति परां गतिम्।। 28।।प्रकृत्यैव च कर्माणि क्रियमाणानि सर्वशः।यः पश्यति तथात्मानमकर्तारं स पश्यति।। 29।।यदा भूतपृथग्भावमेकस्थमनुपश्यति।तत एव च विस्तारं ब्रह्म सम्पद्यते तदा।। 30।।इस प्रकार जानकर जो पुरुष नष्ट होते हुए सब चराचर भूतों में नाशरहित परमेश्वर को समभाव से स्थित देखता है, वही देखता है।क्योंकि वह पुरुष सब में समभाव से स्थित हुए परमेश्वर को समान देखता हुआ, अपने द्वारा आपको नष्ट नहीं करता है, इससे वह परम गति को प्राप्त होता है।और जो पुरुष संपूर्ण कर्मों को सब प्रकार से प्रकृति से ही किए हुए देखता है तथा आत्मा को अकर्ता देखता है, वही देखता है।और यह पुरुष जिस काल में भूतों के न्यारे-न्यारे भाव को एक परमात्मा के संकल्प के आधार स्थित देखता है तथा उस परमात्मा के संकल्प से ही संपूर्ण भूतों का विस्तार देखता है, उस काल में सच्चिदानंदघन ब्रह्म को प्राप्त होता है।
1h 16m 54s · Oct 5, 2023
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