
Geeta Darshan Vol-13 # Ep.158
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Episode · 1:37:24 · Oct 4, 2023
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DATES AND PLACES : MAY 04-13 1973. BOMBAY Thirteenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-13 by Osho. These discourses were given in BOMBAY during MAY 04-13 1973. --------------------------------------- पुरुषः प्रकृतिस्थो हि भुङ्क्ते प्रकृतिजान्गुणान्।कारणं गुणसङ्गोऽस्य सदसद्योनिजन्मसु।। 21।।उपद्रष्टानुमन्ता च भर्ता भोक्ता महेश्वरः।परमात्मेति चाप्युक्तो देहेऽस्मिन्पुरुषः परः।। 22।।य एवं वेत्ति पुरुषं प्रकृतिं च गुणैः सह।सर्वथा वर्तमानोऽपि न स भूयोऽभिजायते।। 23।।परंतु प्रकृति में स्थित हुआ ही पुरुष प्रकृति से उत्पन्न हुए त्रिगुणात्मक सब पदार्थों को भोगता है। और इन गुणों का संग ही इसके अच्छी-बुरी योनियों में जन्म लेने में कारण है।वास्तव में तो यह पुरुष इस देह में स्थित हुआ भी पर ही है, केवल साक्षी होने से उपद्रष्टा और यथार्थ सम्मति देने वाला होने से अनुमंता एवं सबको धारण करने वाला होने से भर्ता, जीवरूप से भोक्ता तथा ब्रह्मादिकों का भी स्वामी होने से महेश्वर और शुद्ध सच्चिदानंदघन होने से परमात्मा, ऐसा कहा गया है।इस प्रकार पुरुष को और गुणों के सहित प्रकृति को जो मनुष्य तत्व से जानता है, वह सब प्रकार से बर्तता हुआ भी फिर नहीं जन्मता है अर्थात पुनर्जन्म को नहीं प्राप्त होता है।
1h 37m 24s · Oct 4, 2023
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