
Geeta Darshan Vol-13 # Ep.156
Episode · 2 Plays
Episode · 2 Plays · 1:23:51 · Oct 3, 2023
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DATES AND PLACES : MAY 04-13 1973. BOMBAY Thirteenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-13 by Osho. These discourses were given in BOMBAY during MAY 04-13 1973. --------------------------------------- बहिरन्तश्च भूतानामचरं चरमेव च।सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयं दूरस्थं चान्तिके च तत्।। 15।।अविभक्तं च भूतेषु विभक्तमिव च स्थितम्।भूतभर्तृ च तज्ज्ञेयं ग्रसिष्णु प्रभविष्णु च।। 16।।ज्योतिषामपि तज्ज्योतिस्तमसः परमुच्यते।ज्ञानं ज्ञेयं ज्ञानगम्यं हृदि सर्वस्य विष्ठितम्।। 17।।तथा वह परमात्मा चराचर सब भूतों के बाहर-भीतर परिपूर्ण है और चर-अचर रूप भी वही है। और वह सूक्ष्म होने से अविज्ञेय है अर्थात जानने में नहीं आने वाला है। तथा अति समीप में और अति दूर में भी स्थित वही है।और वह विभागरहित एक रूप से आकाश के सदृश परिपूर्ण हुआ भी चराचर संपूर्ण भूतों में पृथक-पृथक के सदृश स्थित प्रतीत होता है। तथा वह जानने योग्य परमात्मा भूतों का धारण-पोषण करने वाला और संहार करने वाला तथा सबका उत्पन्न करने वाला है।और वह ज्योतियों का भी ज्योति एवं माया से अति परे कहा जाता है। तथा वह परमात्मा बोधस्वरूप और जानने के योग्य है एवं तत्वज्ञान से प्राप्त होने वाला और सबके हृदय में स्थित है।
1h 23m 51s · Oct 3, 2023
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