
Geeta Darshan Vol-13 # Ep.155
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Episode · 1:27:13 · Oct 2, 2023
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DATES AND PLACES : MAY 04-13 1973. BOMBAY Thirteenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-13 by Osho. These discourses were given in BOMBAY during MAY 04-13 1973. --------------------------------------- ज्ञेयं यत्तत्प्रवक्ष्यामि यज्ज्ञात्वामृतमश्नुते।अनादिमत्परं ब्रह्म न सत्तन्नासदुच्यते।। 12।।सर्वतः पाणिपादं तत्सर्वतोऽक्षिशिरोमुखम्।सर्वतः श्रुतिमल्लोके सर्वमावृत्य तिष्ठति।। 13।।सर्वेन्द्रियगुणाभासं सर्वेन्द्रियविवर्जितम्।असक्तं सर्वभृच्चैव निर्गुणं गुणभोक्तृ च।। 14।।और हे अर्जुन, जो जानने योग्य है तथा जिसको जानकर मनुष्य अमृत और परमानंद को प्राप्त होता है, उसको अच्छी प्रकार कहूंगा। वह आदिरहित परम ब्रह्म अकथनीय होने से न सत कहा जाता है और न असत ही कहा जाता है।परंतु वह सब ओर से हाथ-पैर वाला एवं सब ओर नेत्र, सिर और मुख वाला तथा सब ओर से श्रोत वाला है, क्योंकि वह संसार में सब को व्याप्त करके स्थित है।और संपूर्ण इंद्रियों के विषयों को जानने वाला है, परंतु वास्तव में सब इंद्रियों से रहित है। तथा आसक्तिरहित है और गुणों से अतीत हुआ भी अपनी योगमाया से सब को धारण-पोषण करने वाला और गुणों को भोगने वाला है।
1h 27m 13s · Oct 2, 2023
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