
Subramanyam Bharti - Hindustan Hamara
Episode · 7 Plays
Episode · 7 Plays · 26:03 · Dec 11, 2022
About
सुब्रह्मण्य भारती एक तमिल कवि थे। उनको 'महाकवि भारतियार' के नाम से भी जाना जाता है। उनकी कविताओं में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई है। वह एक कवि होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल सेनानी, समाज सुधारक, पत्रकार तथा उत्तर भारत व दक्षिण भारत के मध्य एकता के सेतु समान थे। भारती जी का जन्म भारत के दक्षिणी प्रान्त तमिलनाडु के एक् गांव एट्टयपुरम् में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय में ही हुई। मेधावी छात्र होने के नाते वहां के राजा ने उन्हें ‘भारती’ की उपाधि दी। जब वे किशोरावस्था में ही थे तभी उनके माता-पिता का निधन हो गया। उन्होंने सन् १८९७ में अपनी चचेरी बहन चेल्लमल के साथ विवाह किया। वे बाहरी दुनिया को देखने के बड़े उत्सुक थे। विवाह के बाद सन् १८९८ में वे उच्च शिक्षा के लिये बनारस चले गये। अगले चार वर्ष उनके जीवन में ‘‘खोज’’ के वर्ष थे। बनारस प्रवास की अवधि में उनका हिन्दू अध्यात्म व राष्ट्रप्रेम से साक्षात्कार हुआ। सन् १९०० तक वे भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में पूरी तरह जुड़ चुके थे और उन्होने पूरे भारत में होने वाली कांग्रेस की सभाओं में भाग लेना आरम्भ कर दिया था। भगिनी निवेदिता, अरविन्द और वंदे मातरम् के गीत ने भारती के भीतर आजादी की भावना को और पल्लवित किया। कांग्रेस के उग्रवादी तबके के करीब होने के कारण पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती थी। भारती १९०८ में पांडिचेरी गए, जहां दस वर्ष वनवासी की तरह बिताए। इसी दौरान उन्होंने कविता और गद्य के जरिये आजादी की बात कही। ‘साप्ताहिक इंडिया’ के द्वारा आजादी की प्राप्ति, जाति भेद को समाप्त करने और राष्ट्रीय जीवन में नारी शक्ति की पहचान के लिए वे जुटे रहे। आजादी के आन्दोलन में २० नवम्बर १९१८ को वे जेल गए।
26m 3s · Dec 11, 2022
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