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Gospel of John Audio Bible in Hindi | Chapter 06 | संत योहन रचित सुसमाचार | Catholic Audio Bible

Greater Glory of God

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Episode  ·  1 Play  ·  14:16  ·  Oct 12, 2022

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संत योहन का सुसमाचार अध्याय 06 में पवित्र यूखरिस्त के बारे में लम्बा प्रवचन है। कोई भी पवित्र यूखरिस्त के बारे में प्रभु की शिक्षा जानना चाहें तो संत योहन का सुसमाचार अध्याय 06 को पढ़ना चाहिए।  रोटियों का चमत्कार से शुरू होने वाले इस अध्याय का समापन प्रभु येसु के  बहुत-से शिष्यों द्वारा प्रभु के परित्याग के साथ समाप्त होता है।  रोटियों का चमत्कार - यह चमत्कार सभी सुसमाचारों में वर्णित है। इसकी प्रक्रिया हमें पवित्र यूखरिस्त का पूर्वाभास कराती है। अन्य सुसमाचारों में यह नहीं लिखा गया है, "वे तो जानते ही थे कि वे क्या करेंगे।" जरूर वे जानते थे, लेकिन यह बताते हुए, संत योहन प्रभु येसु का ईश्वर होने की वास्तविकता पर और जोर लगा रहे हैं। यह चिन्ह प्रभु येसु "भला चरवाहा" के स्वभाव को भी प्रकट करता है।  इस विषय को बेहतर समझने स्तोत्र ग्रन्थ 23 और योहन 10 को पढ़िए।  ईसा समुद्र पर चलते हैं - रोटियों के चिन्ह (चमत्कार) के बाद, प्रभु येसु का समुद्र पर चलना उनकी ईश्वरीय शक्ति को शिष्यों पर प्रकट करता है। संत योहन रचित सुसमाचार में प्रभु येसु के "मैं हूँ" वाक्य बहुत सारे हैं। इसे ईशनिंदा के रूप में लिया जा सकता है। क्योंकि स्वयं और केवल ईश्वर ही स्वयंभू हैं। इस बात को ध्यान में रखकर इस वाक्य और इस प्रकार के वाक्यों को पढ़ने की जरुरत है - "मैं ही हूँ। डरो मत।" कफ़रनाहूम में स्वर्ग की रोटी की प्रतिज्ञा - रोटियों का चमत्कार देखने के बाद भी लोगों में विश्वास नहीं आया। विश्वास एक ईश्वरीय वरदान है जो नम्र लोगों को ही दिया जाता है। वे दूसरा कोई चमत्कार की मांग कर रहे थे।  जीवन की रोटी मैं हूँ - प्रभु से दूसरा कोई चिन्ह मांगते हुए यहूदी मरुभूमि में मन्ना का उदाहरण देकर उस प्रकार का चमत्कार की मांग कर रहे थे। उसी सन्दर्भ में प्रभु पवित्र यूखरिस्त के बारे में अपना प्रवचन देते हैं। इस में स्वर्ग से उत्तरी रोटी के बारे में शिक्षा है। इसे बहुत ही ध्यान से पढ़ने की जरूरत है। यह कोई दृष्टांत नहीं है। इसलिए उनके बहुत-से शिष्य उनको छोड़कर चले गए।  इस भाग का सबसे महत्वपूर्ण अंश - "मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ - यदि तुम मानव पुत्र का मांस नहीं खाओगे और उसका रक्त नहीं पियोगे, तो तुम्हें जीवन प्राप्त नहीं होगा। जो मेरा मांस खाता और मेरा रक्त पीता है, उसे अनन्त जीवन प्राप्त है और मैं उसे अन्तिम दिन पुनर्जीवित कर दूँगा; क्योंकि मेरा मांस सच्चा भोजन है और मेरा रक्त सच्चा पेय। जो मेरा मांस खाता और मेरा रक्त पीता है, वह मुझ में निवास करता है और मैं उस में। जिस तरह जीवन्त पिता ने मुझे भेजा है और मुझे पिता से जीवन मिलता है, उसी तरह जो मुझे खाता है, उसको मुझ से जीवन मिलेगा। यही वह रोटी है, जो स्वर्ग से उतरी है। यह उस रोटी के सदृश नहीं है, जिसे तुम्हारे पूर्वजों ने खायी थी। वे तो मर गये, किन्तु जो यह रोटी खायेगा, वह अनन्त काल तक जीवित रहेगा।" बहुत-से शिष्यों द्वारा ईसा का परित्याग - यह कहते हुए "यह तो कठोर शिक्षा है। इसे कौन मान सकता है?" उनके बहुत-से शिष्यों ने प्रभु का परित्याग कर दिया। इस घटना को छोड़कर और कहीं भी इस प्रकार शिष्यों द्वारा प्रभु के परित्याग के बार नहीं पा सकते हैं। इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि यह शिक्षा कितनी महत्वपूर्णी है।  नोट :- पवित्र यूखरिस्त के बारे में हमारे चैनल में बहुत सारे वीडियोस हैं। उनको जरूर देखिये। यह एक प्लेलिस्ट है - https://bit.ly/EucharistHindi

14m 16s  ·  Oct 12, 2022

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