
Geeta Darshan Vol-9 # Ep.105
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Episode · 1:16:32 · Sep 6, 2023
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DATES AND PLACES : MAR 03-15 1972. BOMBAY Ninth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-9 by Osho. These discourses were given in BOMBAY during MAR 03-15 1972. --------------------------------------- ज्ञानयज्ञेन चाप्यन्ये यजन्तो मामुपासते।एकत्वेन पृथक्त्वेन बहुधा विश्वतोमुखम्।। 15।।अहं क्रतुरहं यज्ञः स्वधाहमहमौषधम्मन्त्रोऽहमहमेवाज्यमहमग्निरहं हुतम्।। 16।।कोई तो मुझ विराट स्वरूप परमात्मा को ज्ञान-यज्ञ के द्वारा पूजन करते हुए एकत्व भाव से अर्थात जो कुछ है सब वासुदेव ही है, इस भाव से उपासते हैं और दूसरे पृथकत्व भाव से अर्थात स्वामी-सेवक भाव से और कोई-कोई अनेक प्रकार से भी उपासते हैं।क्योंकि श्रोत-कर्म अर्थात वेदविहित कर्म मैं हूं, यज्ञ मैं हूं, स्वधा अर्थात पितरों के निमित्त दिया जाने वाला अन्न मैं हूं, औषधि अर्थात सब वनस्पतियां मैं हूं एवं मंत्र मैं हूं, घृत मैं हूं, अग्नि मैं हूं और हवनरूप क्रिया भी मैं ही हूं।
1h 16m 32s · Sep 6, 2023
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