
Geeta Darshan Vol-9 # Ep.103
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Episode · 1 Play · 1:21:31 · Sep 5, 2023
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DATES AND PLACES : MAR 03-15 1972. BOMBAY Ninth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-9 by Osho. These discourses were given in BOMBAY during MAR 03-15 1972. --------------------------------------- मयाध्यक्षेण प्रकृतिः सूयते सचराचरम्।हेतुनानेन कौन्तेय जगद्विपरिवर्तते।। 10।।अवजानन्ति मां मूढ़ा मानुषीं तनुमाश्रितम्।परं भावमजानन्तो मम भूतमहेश्वरम्।। 11।।मोघाशा मोघकर्माणो मोघज्ञाना विचेतसः।राक्षसीमासुरीं चैव प्रकृतिं मोहिनीं श्रिताः।। 12।।और हे अर्जुन, मुझ अधिष्ठाता की उपस्थिति मात्र से यह मेरी प्रकृति अर्थात माया चराचर-सहित सर्व जगत को रचती है और इस ऊपर कहे हुए हेतु से ही यह जगत बनता-बिखरता रहता है।ऐसा होने पर भी संपूर्ण भूतों के महान ईश्वर रूप मेरे परम भाव को न जानने वाले मूढ़ लोग, मनुष्य का शरीर धारण करने वाले मुझ परमात्मा को तुच्छ समझते हैं। जो कि वृथा आशा, वृथा कर्म और वृथा ज्ञान वाले अज्ञानीजन राक्षसों के और असुरों के जैसे मोहित करने वाली प्रकृति अर्थात तामसी स्वभाव को ही धारण किए हुए हैं।
1h 21m 31s · Sep 5, 2023
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