
Geeta Darshan Vol-8 # Ep.93
Episode · 2 Plays
Episode · 2 Plays · 1:28:17 · Aug 31, 2023
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DATES AND PLACES : NOV 25 - DEC 01. PUNE Eighth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-8 by Osho. These discourses were given during NOV 25 - DEC 01. --------------------------------------- सर्वद्वाराणि संयम्य मनो हृदि निरुध्य च।मूर्ध्न्याधायात्मनः प्राणमास्थितो योगधारणाम्।। 12।।ओमित्येकाक्षरं ब्रह्म व्याहरन्मामनुस्मरन्।यः प्रयाति त्यजन्देहं स याति परमां गतिम्।। 13।।अनन्यचेताः सततं यो मां स्मरति नित्यशः।तस्याहं सुलभः पार्थ नित्ययुक्तस्य योगिनः।। 14।।हे अर्जुन, सब इंद्रियों के द्वारों को रोककर अर्थात इंद्रियों को विषयों से हटाकर तथा मन को उद्देश्य में स्थिर करके और अपने प्राण को मस्तक में स्थापन करके योगधारणा में स्थिर हुआ, जो पुरुष ओम, ऐसे इस एक अक्षर रूप ब्रह्म को उच्चारण करता हुआ और उसके अर्थस्वरूप मेरे को चिंतन करता हुआ शरीर को त्यागकर जाता है, वह पुरुष परम गति को प्राप्त होता है।और हे अर्जुन, जो पुरुष मेरे में अनन्य चित्त से स्थित हुआ सदा ही निरंतर मेरे को स्मरण करता है, उस निरंतर मेरे में युक्त हुए योगी के लिए मैं सुलभ हूं।
1h 28m 17s · Aug 31, 2023
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