
Geeta Darshan Vol-3 # Ep.26
Episode · 12 Plays
Episode · 12 Plays · 1:23:21 · Jul 24, 2023
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DATES AND PLACES : DEC 28 - JAN 06 1970. BOMBAY.Third Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-3 by Osho. These discourses were given in BOMBAY during DEC 28 - JAN 06 1970.--------------------------------------- ये मे मतमिदं नित्यमनुतिष्ठन्ति मानवाः।श्रद्धावन्तोऽनसूयन्तो मुच्यन्तेऽपिकर्मभिः।। 31।।ये त्वेतदभ्यसूयन्तो नानुतिष्ठन्ति मे मतम्।सर्व ज्ञानविमूढांस्तान्विद्धि नष्टानचेतसः।। 32।।सदृशं चेष्टते स्वस्याः प्रकृतेर्ज्ञानवानपि।प्रकृतिं यान्ति भूतानि निग्रहः किं करिष्यति।। 33।।और हे अर्जुन जो कोई भी मनुष्य दोषबुद्धि से रहित और श्रद्धा से युक्त हुए सदा ही मेरे इस मत के अनुसार बर्तते हैं, वे पुरुष संपूर्ण कर्मों से छूट जाते हैं। और जो दोषदृष्टि वाले मूर्ख लोग इस मेरे मत के अनुसार नहीं बर्तते हैं, उन संपूर्ण ज्ञानों में भ्रमित चित्त वालों को तू कल्याण मार्ग से भ्रष्ट हुए ही जान। क्योंकि सभी प्राणी प्रकृति को प्राप्त होते हैं अर्थात अपने स्वभाव से परवश हुए कर्म करते हैं। ज्ञानवान भी अपनी प्रकृति के अनुसार चेष्टा करता है। फिर इसमें किसी का हठ क्या करेगा!
1h 23m 21s · Jul 24, 2023
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