
Geeta Darshan Vol-2 # Ep.13
Episode · 9 Plays
Episode · 9 Plays · 1:22:20 · Jul 18, 2023
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DATES AND PLACES : NOV 29 - DEC 07 1970. AHMEDABAD Second Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-1 & 2 by Osho. These discourses were given in AHMEDABAD during NOV 29 - DEC 07 1970. --------------------------------------- यामिमां पुष्पितां वाचं प्रवदन्त्यविपश्चितः। वेदवादरताः पार्थ नान्यदस्तीति वादिनः।। 42।। हे पार्थ, कर्म और कर्मफल के प्रशंसक वेदवाक्यों में प्रीति रखने वाले, वेद के परम तात्पर्य को न जानने वाले, और कर्म से अतिरिक्त मोक्ष, ईश्वर आदि कुछ नहीं है, ऐसा कहने वाले विवेकरहितजन इस पुष्ममय लक्षण अर्थात रमणीय वाणी को कहते हैं। कामात्मानः स्वर्गपरा जन्मकर्मफलप्रदाम्। क्रियाविशेषबहुलां भोगैश्वर्यगतिं प्रति।। 43।। भोगों को ही परम पुरुषार्थ मानने वाले विषयी-पुरुष केवल विषयों के ऊपर आधिपत्य प्राप्त हो, इसलिए अग्निष्टोम आदि अनेक कर्मों की प्रतिपादक, अतएव जन्म, जरा आदि फल को ही देने वाली वाणी को कहते हैं। भोगैश्वर्यप्रसक्तानां तयापहृतचेतसाम्। व्यवसायात्मिका बुद्धिः समाधौ न विधीयते।। 44।। विषयों में आसक्ति रखने वाले और जिनका चित्त विषयों से अपरुद्ध होता है ऐसे पुरुषों के अंतःकरण में व्यवसायात्मक बुद्धि प्रविष्ट नहीं होती।
1h 22m 20s · Jul 18, 2023
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