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Geeta Darshan Vol-2 # Ep.09

BHAGVAD GITA

Episode   ·  7 Plays

Episode  ·  7 Plays  ·  1:31:48  ·  Jul 16, 2023

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DATES AND PLACES : NOV 29 - DEC 07 1970. AHMEDABAD Second Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-1 & 2 by Osho. These discourses were given in AHMEDABAD during NOV 29 - DEC 07 1970. --------------------------------------- नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः।। 23।। इस आत्मा को न तलवार, गदा आदि शस्त्र काट सकते हैं, न जल शिथिल कर सकता है, न अग्नि जला सकती है और न वायु सुखा सकता है। अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च। नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः।। 24।। क्योंकि यह आत्मा अनादि, नित्य, सर्वव्यापक, स्थिर स्वभाव और अचल है, इसलिए इसका शस्त्रादि से छेदन, अग्नि से दाह, जल से भेदन और वायु से शोषण नहीं हो सकता। अव्यक्तोऽयमचिन्त्योऽयमविकार्योऽयमुच्यते। तस्मादेवं विदित्वैनं नानुशोचितुमर्हसि।। 25।। आत्मा इस शरीर से भिन्न है, अज्ञान से भिन्न है, विकार से शून्य है, इसलिए इसको निष्कल और निष्क्रिय जान कर इसके विषय में तुम्हें शोक नहीं करना चाहिए। प्रश्न: भगवान, जो आत्मा अपनी तरफ से किसी भी दिशा में प्रवृत्त नहीं होता, वह वस्त्रों की भांति जीर्ण देह को त्यागने की और नवीन देह को धारण करने की चेष्टा की तकलीफ क्यों उठाता है? इसमें कुछ इंट्रिंजिक कंट्राडिक्शन नहीं फलित होता है?

1h 31m 48s  ·  Jul 16, 2023

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