
Geeta Darshan Vol-17 # Ep.195
Episode · 0 Play
Episode · 1:49:07 · Oct 22, 2023
About
DATES AND PLACES : MAY 21-31 1975 Seventeenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-17 by Osho. These discourses were given during MAY 21-31 1975. --------------------------------------- श्रद्धया परया तप्तं तपस्तत्त्रिविधं नरैः।अफलाकांक्षिभिर्युक्तैः सात्त्विकं परिच्रते।। 17।।सत्कारमानपूजार्थं तपो दम्भेन चैव यत्।क्रियते तदिह प्रोक्तं राजसं चलमध्रुवम्।। 18।।मूढग्राहेणात्मनो यत्पीडया क्रियते तपः।परस्योत्सादनार्थं वा तत्तामसमुदाहृतम्।। 19।।हे अर्जुन, फल को न चाहने वाले निष्कामी योगी पुरुषों द्वारा परम श्रद्धा से किए हुए उस पूर्वोक्त तीन प्रकार के तप को तो सात्विक कहते हैं।और जो तप सत्कार, मान और पूजा के लिए अथवा केवल पाखंड से ही किया जाता है, वह अनिश्चित और क्षणिक फल वाला तप यहां राजस कहा गया है।और जो तप मूढ़तापूर्वक हठ से, मन, वाणी और शरीर की पीड़ा के सहित अथवा दूसरे का अनिष्ट करने के लिए किया जाता है, वह तप तामस कहा गया है।
1h 49m 7s · Oct 22, 2023
© 2023 Podcaster