
Geeta Darshan Vol-16 # Ep.180
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Episode · 1 Play · 1:32:00 · Oct 15, 2023
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DATES AND PLACES : MAR 30-APR 06 1974 Sixteenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-16 by Osho. These discourses were given during MAR 30-APR 06 1974. --------------------------------------- श्रीमद्भगवद्गीताअथ षोडशोऽध्यायःश्रीभगवानुवाचअभयं सत्त्वसंशुद्धिर्ज्ञानयोगव्यवस्थितिः।दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम्।। 1।।उसके उपरांत श्रीकृष्ण भगवान फिर बोले कि हे अर्जुन, दैवी संपदा जिन पुरुषों को प्राप्त है तथा जिनको आसुरी संपदा प्राप्त है, उनके लक्षण पृथक-पृथक कहता हूं।दैवी संपदा को प्राप्त हुए पुरुष के लक्षण हैं:अभय, अंतःकरण की अच्छी प्रकार से शुद्धि, ज्ञान-योग में निरंतर दृढ़ स्थिति और दान तथा इंद्रियों का दमन, यज्ञ, स्वाध्याय तथा तप एवं शरीर और इंद्रियों के सहित अंतःकरण की सरलता।मनुष्य एक दुविधा है, एक द्वैत। मनुष्य के पास इकहरा व्यक्तित्व नहीं है; जो भी है, बंटा हुआ और द्वंद्व में है। जैसे प्रकाश और अंधेरा साथ-साथ मनुष्य में जुड़े हों। पशु और परमात्मा मनुष्य में साथ-साथ मौजूद हैं। मनुष्य जैसे एक सीढ़ी है, एक छोर नरक में और दूसरा छोर स्वर्ग में है; और यात्रा दोनों ओर हो सकती है। और प्रत्येक के हाथ में है कि यात्रा कहां होगी, कैसे होगी, क्या अंतिम परिणाम होगा।
1h 32m · Oct 15, 2023
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