
Geeta Darshan Vol-14 # Ep.170
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Episode · 1:26:29 · Oct 10, 2023
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DATES AND PLACES : DEC 01-10 1973. BOMBAY Fourteenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-14 by Osho. These discourses were given in BOMBAY during DEC 01-10 1973. --------------------------------------- अर्जुन उवाचकैर्लिङ्गैस्त्रीन्गुणानेतानतीतो भवति प्रभो।किमाचारः कथं चैतांस्त्रीन्गुणानतिवर्तते।। 21।।श्रीभगवानुवाचप्रकाशं च प्रवृत्तिं च मोहमेव च पाण्डव।न द्वेष्टि संप्रवृत्तानि न निवृत्तानि काङ्क्षति।। 22।।उदासीनवदासीनो गुणैर्यो न विचाल्यते।गुणा वर्तन्त इत्येव योऽवतिष्ठति नेङ्गते।। 23।।अर्जुन ने पूछा कि हे पुरुषोत्तम, इन तीनों गुणों से अतीत हुआ पुरुष किन-किन लक्षणों से युक्त होता है? और किस प्रकार के आचरणों वाला होता है? तथा हे प्रभो, मनुष्य किस उपाय से इन तीनों गुणों से अतीत होता है?इस प्रकार अर्जुन के पूछने पर श्रीकृष्ण भगवान बोले, हे अर्जुन, जो पुरुष सत्वगुण के कार्यरूप प्रकाश को और रजोगुण के कार्यरूप प्रवृत्ति को तथा तमोगुण के कार्यरूप मोह को भी न तो प्रवृत्त होने पर बुरा समझता है और न निवृत्त होने पर उनकी आकांक्षा करता है।तथा जो साक्षी के सदृश स्थित हुआ गुणों के द्वारा विचलित नहीं किया जा सकता है और गुण ही गुणों में बर्तते हैं, ऐसा समझता हुआ जो सच्चिदानंदघन परमात्मा में एकीभाव से स्थित रहता है एवं उस स्थिति से चलायमान नहीं होता है।
1h 26m 29s · Oct 10, 2023
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