
Geeta Darshan Vol-14 # Ep.163
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Episode · 1 Play · 1:35:02 · Oct 6, 2023
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DATES AND PLACES : DEC 01-10 1973. BOMBAY Fourteenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-14 by Osho. These discourses were given in BOMBAY during DEC 01-10 1973. --------------------------------------- श्रीमद्भगवद्गीताअथ चतुर्दशोऽध्यायःश्रीभगवानुवाचपरं भूयः प्रवक्ष्यामि ज्ञानानां ज्ञानमुत्तमम्।यज्ज्ञात्वा मुनयः सर्वे परां सिद्धिमितो गताः।। 1।।इदं ज्ञानमुपाश्रित्य मम साधर्म्यमागताः।सर्गेऽपि नोपजायन्ते प्रलये न व्यथन्ति च।। 2।।मम योनिर्महद्ब्रह्म तस्मिन्गर्भं दधाम्यहम्।संभवः सर्वभूतानां ततो भवति भारत।। 3।।इसके उपरांत श्रीकृष्ण बोले, हे अर्जुन, ज्ञानों में भी अति उत्तम परम ज्ञान को मैं फिर भी तेरे लिए कहूंगा, कि जिसको जानकर सब मुनिजन इस संसार से मुक्त होकर परम सिद्धि को प्राप्त हो गए हैं।हे अर्जुन, इस ज्ञान को आश्रय करके अर्थात धारण करके मेरे स्वरूप को प्राप्त हुए पुरुष सृष्टि के आदि में पुनः उत्पन्न नहीं होते हैं और प्रलयकाल में भी व्याकुल नहीं होते हैं।हे अर्जुन, मेरी महत ब्रह्मरूप प्रकृति अर्थात त्रिगुणमयी माया संपूर्ण भूतों की योनि है अर्थात गर्भाधान का स्थान है और मैं उस योनि में चेतनरूप बीज को स्थापन करता हूं। उस जड़-चेतन के संयोग से सब भूतों की उत्पत्ति होती है।
1h 35m 2s · Oct 6, 2023
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