
Geeta Darshan Vol-12 # Ep.142
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Episode · 1:21:53 · Sep 25, 2023
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DATES AND PLACES : MAR 13-22 1973 Twelfth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-12 by Osho. These discourses were given during MAR 13-22 1973. --------------------------------------- क्लेशोऽधिकतरस्तेषामव्यक्तासक्तचेतसाम्।अव्यक्ता हि गतिर्दुःखं देहवद्भिरवाप्यते।। 5।।ये तु सर्वाणि कर्माणि मयि संन्यस्य मत्पराः।अनन्येनैव योगेन मां ध्यायन्त उपासते।। 6।।किंतु उन सच्चिदानंदघन निराकार ब्रह्म में आसक्त हुए चित्त वाले पुरुषों के साधन में क्लेश अर्थात परिश्रम विशेष है, क्योंकि देहाभिमानियों से अव्यक्त विषयक गति दुखपूर्वक प्राप्त की जाती है। अर्थात जब तक शरीर में अभिमान रहता है, तब तक शुद्ध सच्चिदानंदघन निराकार ब्रह्म में स्थिति होनी कठिन है।और जो मेरे परायण हुए भक्तजन संपूर्ण कर्मों को मेरे में अर्पण करके मुझ सगुणरूप परमेश्वर को ही तैलधारा के सदृश अनन्य भक्ति-योग से निरंतर चिंतन करते हुए भजते हैं, उनका मैं शीघ्र ही उद्धार करता हूं।पहले कुछ प्रश्न।
1h 21m 53s · Sep 25, 2023
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