
Geeta Darshan Vol-10 # Ep.127
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Episode · 1:26:36 · Sep 17, 2023
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DATES AND PLACES : MAY 06-20 1972. BOMBAY Tenth Chapter from the series of 18 Chapters - Geeta Darshan Vol-10 by Osho. These discourses were given in BOMBAY during MAY 06-20 1972. --------------------------------------- यच्चापि सर्वभूतानां बीजं तदहमर्जुन।न तदस्ति विना यत्स्यान्मया भूतं चराचरम्।। 39।।नान्तोऽस्ति मम दिव्यानां विभूतीनां परंतप।एष तूद्देशतः प्रोक्तो विभूतेर्विस्तरो मया।। 40।।यद्यद्विभूतिमत्सत्त्वं श्रीमदूर्जितमेव वा।तत्तदेवावगच्छ त्वं मम तेजोंऽशसंभवम्।। 41।।अथवा बहुनैतेन किं ज्ञातेन तवार्जुन।विष्टभ्याहमिदं कृत्स्नमेकांशेन स्थितो जगत्।। 42।।और हे अर्जुन, जो सब भूतों की उत्पत्ति का कारण है वह भी मैं ही हूं, क्योंकि ऐसा वह चर और अचर कोई भी भूत नहीं है कि जो मेरे से रहित होवे।हे परंतप, मेरी दिव्य विभूतियों का अंत नहीं है। यह तो मैंने अपनी विभूतियों का विस्तार तेरे लिए संक्षेप से कहा है।इसलिए हे अर्जुन, जो-जो भी विभूतियुक्त अर्थात ऐश्वर्ययुक्त एवं कांतियुक्त और शक्तियुक्त वस्तु है, उस-उस को तू मेरे तेज के अंश से ही उत्पन्न हुई जान।अथवा हे अर्जुन, इस बहुत जानने से तेरा क्या प्रयोजन है! मैं इस संपूर्ण जगत को अपनी योग-माया के एक अंशमात्र से धारण करके स्थित हूं। इसलिए मेरे को ही तत्व से जानना चाहिए।और हे अर्जुन, जो सब भूतों की उत्पत्ति का कारण है, वह मैं ही हूं, क्योंकि ऐसा वह चर और अचर कोई भी भूत नहीं है कि जो मेरे से रहित हो।
1h 26m 36s · Sep 17, 2023
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