
युद्ध में RWA की मध्यस्थता, दोपहर का षड्यंत्र और नाककटिया न्याय-मंच : तीन ताल S2 104
Episode · 449 Plays
Episode · 449 Plays · 3:08:30 · May 17, 2025
About
- भारत-पाक का एतिहासिक युद्ध और संघर्ष-विराम - अंतरराष्ट्रीय मीडिया में युद्ध की एकतरफ़ा रिपोर्टिंग - पाकिस्तानी मीडिया का प्रोपेगैंडा और ब्रह्मोस की ताक़त - ताऊ की बरेली-यात्रा में युद्ध-दर्शन - मलयाली बंधुओं की चर्चा के बहाने संघर्ष-विराम के सूत्र - कश्मीरियों का रिस्क और कवियों की काम-खराबी - क़तर, तुर्की और अमेरिका का नव-दोगलापन - दोपहर में स्त्रियां और उनके सामान की पुरानी गंध - सुबकती, सिलती और सुलगती एक विराम जैसी दोपहर - बहुओं की बेडौल दोपहर और स्त्री का अंतराल - बेरोजगार लड़कों की दोपहरें! चुप्पी, चाय और चिढ़चिढ़ा रोमांटिसिज़्म - छोटे बच्चों की दोपहर और दोपहर के खेल - बूढ़ों और अधेड़ों की दोपहर! - दोपहर क्यों काटी जाती है? दोपहर का षड्यंत्र क्या है? - नौकरी करने वालों को दोपहर का कुछ भी पता नहीं होता? - जेठ की दुपहरी का खेल और नारीकेलम, - बिज़ार : नाकखाऊ प्रेमी और The Nostril Nostalgia - अंत में चिट्ठियां प्रड्यूसर : अतुल तिवारी साउंड मिक्स : रोहन
3h 8m 30s · May 17, 2025
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