
परशुराम की प्रतीक्षा (खण्ड-2) - रामधारी सिंह 'दिनकर'
Hindi Poems by Vivek (विवेक की हिंदी कवितायेँ)
Episode · 22 Plays
Episode · 22 Plays · 5:38 · Jun 2, 2021
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१९६२ में भारत चीन युद्ध में जब भारत को पराजय का सामना करना पड़ा तो पूरा देश स्तब्ध था और दिनकरजी भी इसका अपवाद नहीं थे स्वाभिमान पर लगी चोट और वीर सैनिकों के बलिदान के दुःख की अभिव्यक्ति है परशुराम की प्रतीक्षा दिनकरजी को कैसा प्रतीत हुआ होगा, इसका अनुभव मुझे २६ नवम्बर २००८ को हुआ जब मुंबई आतंकी हमलों के पश्चात देश में विवशता का वातावरण था ऐसा लग रहा था की कोई भी हमारे नगरों में आकर हम पर आक्रमण कर सकता है और हम कुछ नहीं कर सकते तब ये एक बार पुनः स्मरण हो आया था की शांति के लिए शक्ति और शक्ति प्रदर्शन अनिवार्य है और तभी आरम्भ हो गयी थी एक प्रतीक्षा
5m 38s · Jun 2, 2021
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