
किसको नमन करूँ मैं - रामधार ी सिंह दिनकर Kisko Naman Karun Main-Ramdhari Singh Dinkar
Episode · 38 Plays
Episode · 38 Plays · 5:17 · Mar 30, 2024
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तुझको या तेरे नदीश, गिरि, वन को नमन करूँ, मैं ?मेरे प्यारे देश ! देह या मन को नमन करूँ मैं ?किसको नमन करूँ मैं भारत ? किसको नमन करूँ मैं ?भू के मानचित्र पर अंकित त्रिभुज, यही क्या तू है ?नर के नभश्चरण की दृढ़ कल्पना नहीं क्या तू है ?भेदों का ज्ञाता, निगूढ़ताओं का चिर ज्ञानी हैमेरे प्यारे देश ! नहीं तू पत्थर है, पानी हैजड़ताओं में छिपे किसी चेतन को नमन करूँ मैं ?भारत नहीं स्थान का वाचक, गुण विशेष नर का हैएक देश का नहीं, शील यह भूमंडल भर का हैजहाँ कहीं एकता अखंडित, जहाँ प्रेम का स्वर हैदेश-देश में वहाँ खड़ा भारत जीवित भास्कर हैनिखिल विश्व को जन्मभूमि-वंदन को नमन करूँ मैं !खंडित है यह मही शैल से, सरिता से सागर सेपर, जब भी दो हाथ निकल मिलते आ द्वीपांतर सेतब खाई को पाट शून्य में महामोद मचता हैदो द्वीपों के बीच सेतु यह भारत ही रचता हैमंगलमय यह महासेतु-बंधन को नमन करूँ मैं !दो हृदय के तार जहाँ भी जो जन जोड़ रहे हैंमित्र-भाव की ओर विश्व की गति को मोड़ रहे हैंघोल रहे हैं जो जीवन-सरिता में प्रेम-रसायनखोर रहे हैं देश-देश के बीच मुँदे वातायनआत्मबंधु कहकर ऐसे जन-जन को नमन करूँ मैं !उठे जहाँ भी घोष शांति का, भारत, स्वर तेरा हैधर्म-दीप हो जिसके भी कर में वह नर तेरा हैतेरा है वह वीर, सत्य पर जो अड़ने आता हैकिसी न्याय के लिए प्राण अर्पित करने जाता हैमानवता के इस ललाट-वंदन को नमन करूँ मैं !
5m 17s · Mar 30, 2024
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