
ईद उल-फ़िकर, अनुभव का अचार और 'मर्डर कूपन' का इस्तेमाल! : तीन ताल, S2 E95
Episode · 353 Plays
Episode · 353 Plays · 2:24:55 · Mar 15, 2025
About
- होली के जोगीरे और ताऊ की कविता - 'मोमिनों रोज़े रखो' जैसे आधुनिक त्योहारी गीत- होली की बदमाशी, आलस और मता जाने की क्रिया - लउआ अलंकार, होली की थकान और बेहोशी- बजुर्गों की विसडम और सिखावन - लठ मार लॉजिक और फ्री का फ़लसफा- 'जाने दो' की उदारता - लोक का विसडम और आंखों की शर्म- मर्डर कूपन का सही इस्तेमाल करने 'इस्तेमाल' हो जाने की कल्पना- खां चा के अतरंगी खयाल और जेन ज़ी जोगीरे- चिट्ठियां प्रड्यूसर : अतुल तिवारीसाउंड मिक्स : सूरज
2h 24m 55s · Mar 15, 2025
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