
विक्रमादित्य के नवरत्न (Nine Jewels of Vikramaditya)
Hindi Poems by Vivek (विवेक की हिंदी कवितायेँ)
Episode · 1 Play
Episode · 1 Play · 5:36 · Jan 28, 2023
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आज सुनाता कथा पुरानी, जब सोने की चिड़िया भारत था। सुख समृद्धि से सज्जित, स्वर्ण-भूमि में सबका स्वागत था। अमरावती से सुन्दर नगरी, जहाँ महाकाल का धाम था। समस्त विश्व का केंद्र थी, उज्जयिनी जिसका नाम था। इंद्र से भी वैभवशाली, चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य सम्राट थे। चहुँ ओर फैला था कीर्ति सौरभ, गौरव से उन्नत ललाट थे। स्वर्ण रजत मोती माणिक, धन धान्य से भरे थे राजकोष। पर वो अनमोल रतन कौन थे, जो देते सच्चा परितोष। जौहरी राजन को पहचान थी, की धन से बड़ा है ज्ञान। सभा में उनकी नवरत्न थे, सब एक से बढ़ एक महान। महाराज विक्रमादित्य के नव रत्नों के गुणों के बारे में जानने के लिए यह कविता अवश्य सुनें To know about the specialties of each of the nine jewels, listen to this poem. You can write to us at HindiPoemsByVivek@gmail.com
5m 36s · Jan 28, 2023
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