Sabud khan pahat, Sakir Rupadiya
कालो जम्फर लेगो दिल हे लूट
चौमास की रुत
Sakir Mewati, Asmeena Mewati
खोल के काली तू पडगी
नूरे बरसे भाडी पे
लगर होगी काली जान
लोटगी सिलवार खोलक
तेरी सुरत भोली
Sakir Mewati
पामन ने धरले कंधा पे
मैं तेरे मारे रोऊ हो
झूटो प्यार
जवानी तक पे आरी
काला सृट लगेह मलूक
तोप दिल आयो
मिलनलु तोसु मे आरी