
Dr. Ram Manohar Lohiya - Hindustan Hamara
Episode · 7 Plays
Episode · 7 Plays · 30:32 · Oct 12, 2022
About
डॉ॰ राममनोहर लोहिया भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानी, प्रखर चिन्तक तथा समाजवादी राजनेता थे।लोहिया जानते थे कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में अंग्रेजी का प्रयोग आम जनता की प्रजातंत्र में शत प्रतिशत भागीदारी के रास्ते का रोड़ा है। उन्होंने इसे सामंती भाषा बताते हुए इसके प्रयोग के खतरों से बारंबार आगाह किया और बताया कि यह मजदूरों, किसानों और शारीरिक श्रम से जुड़े आम लोगों की भाषा नहीं है। उन्होंने लिखा: यदि सरकारी और सार्वजनिक काम ऐसी भाषा में चलाये जाएं, जिसे देश के करोड़ों आदमी न समझ सकें, तो यह केवल एक प्रकार का जादू-टोना होगा। दुख की बात है कि लोहिया के अंग्रेजी हटाओ आंदोलन (1957) को हिंदी का वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश के तौर पर देखा गया, जबकि लोहिया ने बार-बार यह स्पष्ट किया कि अंग्रेजी हटाओ का अर्थ हिंदी लाओ कदापि नहीं है। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं की उन्नति और उनके प्रयोग की खुल कर वकालत की। उनके अनुसार अंग्रेजी हटाओ का अर्थ 'मातृभाषा लाओ' था। भारतीय राजनीति का बेबाक और बिंदास चेहरा रहे राममनोहर लोहिया ने ५० के दशक में ही भांप लिया था। उन्होंने लोकसभा में बल देकर अपनी बात रखते हुए कहा था: अंग्रेजी को खत्म कर दिया जाए। मैं चाहता हूं कि अंग्रेजी का सार्वजनिक प्रयोग बंद हो, लोकभाषा के बिना लोक राज्य असंभव है। कुछ भी हो अंग्रेजी हटनी ही चाहिये, उसकी जगह कौन सी भाषाएं आती हैं यह प्रश्न नहीं है। हिन्दी और किसी भाषा के साथ आपके मन में जो आए सो करें, लेकिन अंग्रेजी तो हटना ही चाहिये और वह भी जल्दी। अंग्रेज गये तो अंग्रेजी चली जानी चाहिये।
30m 32s · Oct 12, 2022
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