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दोनों मध्यम स्वर वाले राग – 4 : राग श्यामकल्याण

Indian Raaga Series

Episode   ·  17 Plays

Episode  ·  17 Plays  ·  7:04  ·  May 6, 2021

About

चढ़ते धैवत त्याग कर, दोनों मध्यम मान, स-म वादी-संवादी सों, क़हत श्यामकल्याण। दोनों मध्यम स्वरों से युक्त राग श्यामकल्याण हमारी श्रृंखला, ‘दोनों मध्यम स्वर वाले राग’ की चौथी कड़ी का राग है। तीव्र मध्यम स्वर की उपस्थिति के कारण इस राग को कल्याण थाट के अन्तर्गत माना जाता है। आरोह में गान्धार और धैवत स्वर वर्जित होता है तथा अवरोह में सभी सातो स्वर प्रयोग किये जाते हैं। दोनों मध्यम के अलावा शेष सभी स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते हैं। आरोह में पाँच और अवरोह में सात स्वर प्रयोग किये जाने के कारण राग श्यामकल्याण की जाति औड़व-सम्पूर्ण होती है। राग के आरोह में तीव्र मध्यम और अवरोह में दोनों मध्यम स्वरो का प्रयोग किया जाता है। इसका वादी स्वर पंचम और संवादी स्वर षडज होता है। श्रृंखला के पिछले रागों की तरह राग श्यामकल्याण का गायन-वादन भी पाँचवें प्रहर अर्थात रात्रि के प्रथम प्रहर में किया जाता है।

7m 4s  ·  May 6, 2021

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