
काव्य तरंग // रीतेश खरे // ओपन माइक // जीवन: नर्म, सख़्त, बहुत ख़ास
Episode · 310 Plays
Episode · 310 Plays · 7:57 · Jun 13, 2021
About
कभी नर्म है लहज़ा, कभी सख़्त भी, मगर बहुत ख़ास है बात जिसमें, वो जीवन है। सुनिये रीतेश खरे की बयानी।  आवाज़ व आलेख -  रीतेश खरे कवितायें -  रमेश कुमार 'राजकान्हा', अलका शरर एवँ रीतेश खरे रिकॉर्डिंग-सम्पादन - विकेश खरे तकनीकी सहायता - अमित तिवारी आर्ट वर्क - पूजा अनिल, अमित तिवारी
7m 57s · Jun 13, 2021
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