About
परशुराम कुंड जब भगवान परशुराम ने अपने पिता की आज्ञा मानकर अपनी माता रेणुका का सर काट दिया तो उनको बहुत ग्लानि हुई। यद्यपि उन्होंने अपने पिता से वरदान पाकर अपनी माता को जीवित कर दिया, परंतु उनके मन का दुःख कम नहीं हुआ। उन्होंने अपने फरसे पर लगे अपने माँ के रक्त को धोने का बड़ा प्रयास किया परंतु किसी भी नदी, तालाब, झरने का जल उस रक्त को धोने में असफल रहा। अंत में उन्होंने आजकल जहाँ अरुणाचल प्रदेश है, वहाँ स्थित लोहित नदी के जल में अपने फरसे को धोया, जिससे उनके फरसे के रक्त साफ हुआ और उनके मन को शान्ति मिली। जिस स्थान पर भगवान परशुराम ने अपने फरसे से रक्त साफ किया था थे उस स्थान को परशुराम कुंड के नाम से जानते हैं और वहाँ प्रतिवर्ष देश-विदेश से तीर्थयात्री आकर मकर संक्रांति के दिन पावन जल में डुबकी लगाते हैं। सूचना: भारत देश में और भी तीर्थस्थल हैं जो इस कहानी में वर्णित कुंड हो सकते हैं। हम भविष्य में उनके विषय में भी आपको बताएंगे। Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
1m 58s · Sep 16, 2022
© 2022 Omny Studios (OG)