Teri Rooh Lyrics
बैठे थे लहरों के किनारे, महलों के सिरहाने
मैं यहीं हूँ
ऐसे थे हम-दोनों दीवाने, हैं नये से फ़साने
तू नहीं है
मेरे किताबों के काग़ज़ों पे है तेरा नाम
इन काग़ज़ों की कश्तियाँ बहती सुबह-ओ-शाम
यूँ फ़ना होके इन हवाओं में तू बह जा
वक़्त ठहर सा गया
तू है तो मैं हूँ
मैं जो तेरी हूँ
तू है तो मैं हूँ
मैं हूँ तेरी रूह
वैसे तो जब दिल ये मिले थे, क्या वो सिलसिले थे
याद है ना
तेरे रंग मेरे ज़हन में घुले थे, दो फूल खिले थे
साथ में ना
मेरे किताबों के काग़ज़ों पे है तेरा नाम
इन काग़ज़ों की कश्तियाँ बहती सुबह-ओ-शाम
यूँ फ़ना होके इन हवाओं में तू बह जा
वक़्त ठहर सा गया
तू है तो मैं हूँ
मैं जो तेरी हूँ
तू है तो मैं हूँ
मैं हूँ तेरी रूह
Writer(s): Trishita Maitra<br>Lyrics powered by www.musixmatch.com
More from Teri Rooh
Loading
You Might Like
Loading
3m 23s · Hindi