Shree Bajrang Baan (Album Version)

Shree Bajrang Baan (Album Version) Lyrics

Jai Shree Hanumaan  by Anuradha Paudwal

Song  ·  101,471 Plays  ·  6:53  ·  Hindi

℗ 2001 Universal Music India Pvt. Ltd.

Shree Bajrang Baan (Album Version) Lyrics

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान

जय हनुमंत संत हितकारी, सुन लीजै प्रभु बिनय हमारी
जन के काज बिलंबन कीजै, आतुर दौरि महा सुख दीजै (सीता-राम)

जैसे कूदि सिंधु के पारा, सुरसा बदन पैठि बिस्तारा
आगे जाय लंकिनी रोका, मारेहु लात गई सुरलोका (सीता-राम)

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा, सीता निरखि परमपद लीन्हा
बाग उजारि सिंधु मह बोरा, अति आतुर जमकातर तोरा (सीता-राम)

अक्षय कुमार मारि संहारा, लूम लपेटि लंक को जारा
लाह समान लंक जरि जई, जय-जय धुनि सुरपुर नभ में भई (सीता-राम)

अब बिलंब केहि कारन स्वामी, कृपा करहु उर अंतरयामी
जय-जय लखन प्रान के दाता, आतुर हैं दुःख करहु निपाता (सीता-राम)

जय हनुमान जयति बल-सागर, सुर-समूह-समरथ भटनागर
ॐ हनु-हनु-हनु-हनुमंत हठीले, बैरिहि मारु बज्र की कीले (सीता-राम)

ॐ ह्नीं-ह्नीं-ह्नीं-हनुमंत कपीसा, ॐ हुं-हुं-हुं-हनु अरि उर सीसा
जय अंजनि कुमार बलवंता, शंकरसुवन बीर हनुमंता (सीता-राम)

बदन कराल काल-कुल-घालक, राम सहाय सदा प्रतिपालक
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर, अग्नि बेताल काल मारी मर (सीता-राम)

इन्हें मारु, तहुँ सपथ राम की, राखु नाथ मरजाद नाम की
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै, राम दूत धरु मारु धाइ कै (सीता-राम)

जय-जय-जय हनुमंत अगाधा, दुःख पावत जन केहि अपराधा
पूजा जप-तप नेम अचारा, नहीं जानत कछु दास तुम्हारा (सीता-राम)

बन-उपबन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं
जनकसुता हरि दास कहावौ, ताकी सपथ बिलंब न लावौ (सीता-राम)

जय-जय-जय धुनि होत अकासा, सुमिरत होय दुसह दुःख नासा
चरन पकरि, कर जोरि मनावौं, यहि औसर अब केहि दोहरावौं (सीता-राम)

उठ, उठ, चल, तोहि राम दुहाई, पायँ परौं, कर जोरि मनाई
ॐ चं-चं-चं-चं-चपल चलंता, ॐ हनु-हनु-हनु-हनु-हनुमंता (सीता-राम)

ॐ हं-हं-हाँक देत कपि चंचल, ॐ सं-सं-सहमि पराने खल-दल
अपने जन को तुरत उबारौ, सुमिरत होय आनंद हमारौ (सीता-राम)

यह बजरंग-बाण जेहि मारै, ताहि कहौ फिरि कवन उबारै?
पाठ करै बजरंग-बाण की, हनुमत रक्षा करै प्रान की (सीता-राम)

यह बजरंग बाण जो जापैं, तासों भूत-प्रेत सब कापैं
धूप देय जो जपै हमेसा, ताके तन नहिं रहै कलेसा (सीता-राम)

उर प्रतीति दृढ़, सरन है, पाठ करै धरि ध्यान
बाधा सब हर करैं, सब काम सफल हनुमान

सियापति रामचंद्र की जय
पवनसुत हनुमान की जय
उमापति रमादेव की जय

Writer(s): Dp, Rajendra Jain, Jain Rajendra<br>Lyrics powered by www.musixmatch.com


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