Ki Bas Lyrics
हमारी आँखों से बरसात यूँ हुई है कि बस
हमारी आँखों से बरसात यूँ हुई है कि बस
कटी है रात, मगर...
कटी है रात, मगर रात यूँ कटी है कि बस
हमारी आँखों से बरसात यूँ हुई है कि बस
कमी तो कोई ना महफ़िल में थी तुम्हारे सिवा
कमी तो कोई ना महफ़िल में थी तुम्हारे सिवा
मगर तुम्हारी कमी...
मगर तुम्हारी कमी दिल को यूँ खली है कि बस
हमारी आँखों से बरसात यूँ हुई है
जिसे था क़ूवत-ए-परवाज़ पर ग़ुरूर अज़ीज़
जिसे था क़ूवत-ए-परवाज़ पर ग़ुरूर अज़ीज़
वही पतंग बुलंदी पे यूँ कटी है कि बस
वही पतंग बुलंदी पे यूँ कटी है कि बस
कटी है रात, मगर...
कटी है रात, मगर रात यूँ कटी है कि बस
हमारी आँखों से बरसात यूँ हुई है कि बस
हमारी आँखों से बरसात यूँ हुई है कि बस
Writer(s): Aziz Ghazipuri, Sanjay Mishra<br>Lyrics powered by www.musixmatch.com
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4m 32s · Hindi