आँखों के परदों पे प्यारा सा जो था वो नजारा धुआँ सा बनकर उड़ गया अब ना रहा बैठे थे हम तो ख्वाबों के छाँव के तले छोड़ के उनको जाने कहाँ को चले कहानी खत्म है या शुरुआत होने को है सुबह नई है ये या फ़िर रात होने को है कहानी खत्म है या शुरुआत होने को है सुबह नई है ये या फ़िर रात होने को है आने वाला वक़्त देगा पनाहें या फिर से मिलेंगे दो राहें ख़बर क्या? क्या पता?
Writer(s): Amitabh Bhattacharya<br>Lyrics powered by www.musixmatch.com