Dard Apna Likh Na Payee

Dard Apna Likh Na Payee Lyrics

Kahaani Gudiya Ki  by Jagjit Singh

Song  ·  372,013 Plays  ·  5:42  ·  Hindi

© 2007 Times Music

Dard Apna Likh Na Payee Lyrics

दर्द अपना लिख ना पाई, उँगलियाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाई, उँगलियाँ जलती रहीं
रस्मों के पहरे में दिल की चिट्ठियाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाई, उँगलियाँ जलती रहीं

ज़िंदगी की महफ़िलें सजती रहीं हर पल, मगर
ज़िंदगी की महफ़िलें सजती रहीं हर पल, मगर
मेरे कमरे में मेरी तन्हाइयाँ जलती रहीं, तन्हाइयाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाई, उँगलियाँ जलती रहीं

बारिशों के दिन गुज़ारे, गर्मियाँ भी कट गईं
बारिशों के दिन गुज़ारे, गर्मियाँ भी कट गईं
पूछ मत हम से कि कैसे सर्दियाँ जलती रहीं, सर्दियाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाई, उँगलियाँ जलती रहीं

तुम तो बादल थे, हमें तुम से बड़ी उम्मीद थी
तुम तो बादल थे, हमें तुम से बड़ी उम्मीद थी
उड़ गए बिन बरसे तुम भी, बस्तियाँ जलती रहीं, बस्तियाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाई, उँगलियाँ जलती रहीं
रस्मों के पहरे में दिल की चिट्ठियाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाई, उँगलियाँ जलती रहीं

Writer(s): Vivek Prakash, Madan Pal<br>Lyrics powered by www.musixmatch.com


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5m 42s  ·  Hindi

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