AHAM Lyrics
आँखों ही आँखों में कह दो ना
तुझे मुझ से मोहब्बत हुई है
बातों ही बातों में कह दो ना
तुझे मेरी ज़रूरत होने लगी है
तेरा इशारा काफ़ी है, तेरा नज़ारा काफ़ी है
सारे ग़मों को भुलाकर जी लूँ मैं ज़िंदगी
आँखों ही आँखों में कह दो ना
तुझे मुझ से मोहब्बत हुई है
ऐसा लगे तू जैसे अपना है
या ये कोई अनदेखा सपना है
जो हक़ीक़त बदलने लगा
दिल में मेरे तू ही तो रहता है
अब क्यूँ भला दिल मुझ से कहता है?
तू है तो है मेरा जहाँ
तेरी नादानियाँ, तेरी मदहोशियाँ
तेरी तनहाइयाँ अब मेरी हुई
तू मेरे पास हो, तू मेरे साथ हो
ऐसी हर रात हो तेरी-मेरी
तेरा इशारा काफ़ी है, तेरा नज़ारा काफ़ी है
सारे ग़मों को भुलाकर जी लूँ मैं ज़िंदगी
आँखों ही आँखों में कह दो ना
तुझे मुझ से मोहब्बत हुई है
बातों ही बातों में कह दो ना
तुझे मेरी ज़रूरत होने लगी है
Writer(s): Goldie Sohel<br>Lyrics powered by www.musixmatch.com
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4m · Hindi