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सूफ़ियों को भले हम जानते ना हों लेकिन अपनी अपनी समझ से पहचानते ज़रूर हैं. कव्वाली, सूफ़िया कलाम, दरगाहें हमेशा हमारे चारों तरफ ही रहे लेकिन अभी भी सूफीज़्म को लेकर हमारी समझ कच्ची है. इस बार 'पढ़ाकू नितिन' में हमने बात की प्रो सैयद ज़हीर हुसैन जाफ़री से जिन्होंने चार दशकों तक इतिहास पढ़ाया और फिलहाल रायबरेली में एक चार सौ साल पुरानी खानकाह का रख रखाव संभाल रहे हैं.
1h 27m 41s · Feb 2, 2023
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