तेरे जिस्म को मेरे जिस्म में घुल जाने दे तेरी रूह को मेरी रूह से मिल जाने दे एक ख्वाब सा था जो तेरे नाम का आ मिटा दू फासला ये प्यार का जाना ना मुझे छोड़ के खोना ना मुझ मोड़ पे है ये केहता क़तरा क़तरा जाम का मेहफ़ूज़ रेहना इन बाहोंमे कितना सुकू है तेरी साँसों में आवारगी तुम से ह ी छु लू बदन तो लब केहते है तन्हा हु मैं अश्क़ सेहते है मेरी आशकी तुमसे ही केहने लगे लब्ज़ तेरे बाहोंमे आ मेरे तेरे जिस्म को मेरे जिस्म मे घुल जाने दे तेरी रूह को मेरी रूह से मिल जाने दे एक ख्वाब सा था जो तेरे नाम का आ मिटा दू फासला ये प्यार का
Writer(s): Rajveer Gaangji<br>Lyrics powered by www.musixmatch.com