Mohabbat Kitne Rang Badalti Hai Lyrics
सूरज, चाँद, सितारे सबका एक रंग, एक ढंग
जान सका ना कोई कितने होते हैं प्यार के रंग
फूलों पे कभी, काँटों पे कभी
शोलों पे कभी ये चलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
फूलों प े कभी, काँटों पे कभी
शोलों पे कभी ये चलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
कितने रंग बदलती है
कितने रंग बदलती है
कभी तो नफ़रत में जाहिल हो
कभी चाहत पे उतर आएँ
दुआ को हाथ उठे तो आसमानों तक असर जाए
संगदिल कभी बन जाएँ
कभी मोम के जैसी पिघलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
फूलों पे कभी, काँटों पे कभी
शोलों पे कभी ये चलती है
अगर हद से गुज़र जाए तो
ये बन जाती है पागलपन
कि अपने यार का भर देती है दागों से ये दामन
नज़र से गिरी अगर ये कभी
सम्भाले कब संभलती है
मोहब्बत, मोहब्बत