फूल बहारों से निकला चाँद सितारों से निकला फूल बहारों से निकला चाँद सितारों से निकला दिन डूबा, ओ महबूबा ऐ महबूबा महबूबा ऐ महबूबा हू उ हू ... गुलशन में गुल खिलते हैं जब सेहरा में मिलते है ं गुलशन में गुल खिलते हैं जब सेहरा में मिलते हैं मैं और तू ... हुस्नों इश्क़ के राहों में बाहों में निगाहों में हुस्नों इश्क़ के राहों में बाहों में निगाहों में दिल डूबा, ओ महबूबा ऐ महबूबा महबूबा ऐ महबूबा हू उ हू ... गुलशन में गुल खिलते हैं जब सेहरा में मिलते हैं गुलशन में गुल खिलते हैं जब सेहरा में मिलते हैं मैं और तू ... महबूबा ऐ महबूबा ओ महबूबा ऐ महबूबा महबूबा ऐ महबूबा हू उउ हु. End
Writer(s): Shabbir Ahmed<br>Lyrics powered by www.musixmatch.com