Main Malang Lyrics
अंबर आप होये नतमस्तक, काल को मन के संग चलाऊँ
मृत्यु भी जाए ठेहर उस चीन जब बूटी के बासन अंग लगाऊँ
शंभू समाहित है जग सारा, मैं शंभू को अंतर अंग बसाऊँ
लोग मलंग-मलंग कहें, मैं आपन नाम मलंग धराऊँ
मेरी फकीरी की एक झलक है, झूले के कुर्ता पे टाट का झोला
(टाट का झोला, टाट का झोला, टाट का झोला)
मेरी फकीरी की एक झलक है, झूले के कुर्ता पे टाट का झोला
ना सोने का पलना, ना चांदी की चादर, मूँज की रस्सी का टूटा खटोला
भोग विलास की आस नहीं, मेरे भोग मैं शामिल घास का गोला
सुख-दुख मैं कोई भेद ना मानू, मैं मस्त कलंदर हर्फ़न मौला
आप ही नाचूँ, आप नचाऊँ, अंहद नाद की गूंज मचाऊँ
लोग मलंग-मलंग कहें, मैं आपन नाम मलंग धराऊँ
आरंभ ना मेरा अंत कोई, मैं अपरिवर्तित शून्य स्वरूपा
(शून्य स्वरूपा, शून्य स्वरूपा, शून्य स्वरूपा)
आरंभ ना मेरा अंत कोई, मैं अपरिवर्तित शून्य स्वरूपा
मान-अपमान से दूर कहीं, स्वयम के ध्यान में लीन अनूपा
कैसा सफर ओर कौन मुसाफ़िर, मैं तो अब निष्काम आगम हूँ
अंतिम बिंदु, अलोकीक ज्योति ओर ना कोई मात्र स्वयम हूँ
अलख निरंजन, अल्हड़ मोड़ा, औघड़ ओर अघोर सुबाहु
लोग मलंग-मलंग कहें, मैं आपन नाम मलंग धराऊँ
Writer(s): Bhanu Pratap Singh, Vikas Kaushik<br>Lyrics powered by www.musixmatch.com
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3m 46s · Hindi