Chup Chup Ke

Chup Chup Ke Lyrics

Hits Penned By Gulzar  by Shankar-Ehsaan-Loy, Sonu Nigam

Song  ·  9,376,424 Plays  ·  7:16  ·  Hindi

© 2013 Yash Raj Films

Chup Chup Ke Lyrics

देखना मेरे सर से आसमाँ उड़ गया है

देखना मेरे सर से आसमाँ उड़ गया है
देखना आसमाँ के सिरे खुल गए हैं ज़मीं से
देखना आसमाँ के सिरे खुल गए हैं ज़मीं से

चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के, छुप-छुप के रे
चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के, छुप-छुप के रे
चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के, छुप-छुप के रे

देखना क्या हुआ है, ये ज़मीं बह रही है
देखना पानियों में ज़मीं घुल रही है कहीं से
देखना आसमाँ के सिरे खुल गए हैं ज़मीं से

चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के, छुप-छुप के रे
चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के, छुप-छुप के रे

होश में मैं नहीं, ये ग़शी भी नहीं
इस सदी में कभी ये हुआ ही नहीं
जिस्म घुलने लगा, रूह गलने लगी
पाँव रुकने लगे, राह चलने लगी

आसमाँ बादलों पर करवटें ले रहा है
देखना आसमाँ ही बरसने लगे ना ज़मीं पे
ये ज़मीं पानियों की डुबकियाँ ले रही हैं
देखना उठ के पैरों पे चलने लगे ना कहीं पे

चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के, छुप-छुप के रे
चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के, छुप-छुप के रे

तुम कहो तो रुकें, तुम कहो तो चलें
ये जुनूँ है अगर तो जुनूँ सोच लें
तुम कहो तो रुकें, तुम कहो तो चलें
मुझको पहचानती हैं कहाँ मंज़िलें

देखना मेरे सर से आसमाँ उड़ गया है
देखना आसमाँ के सिरे खुल गए हैं ज़मीं से
देखना क्या हुआ है, ये ज़मीं बह रही है
देखना पानियों में ज़मीं घुल रही है कहीं से

चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के, छुप-छुप के रे
चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के, छुप-छुप के रे

चुप-चुप के-, चोरी से चोरी
चुप-चुप के-, के रे
चुप-चुप के-, चोरी से चोरी
चुप-चुप के-, के रे

Bunty की Babli और Babli का Bunty
Bunty की Babli हुई
Bunty की Babli और Babli का Bunty
Bunty की Babli (हुई)

Writer(s): Gulzar, Ehsaan Loy Shankar<br>Lyrics powered by www.musixmatch.com


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7m 16s  ·  Hindi

© 2013 Yash Raj Films

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