
Ab Ke Sawan Mein Lyrics
Bhairavi by Kavita Krishnamurti Subramaniam
Song · 3,976 Plays · 4:33 · Hindi
Ab Ke Sawan Mein Lyrics
अब के सावन में बरखा नहीं
अब के सावन में बरखा नहीं, हो
अब के सावन में बरखा नहीं
सूना है मन, हो-हो
सूना है मन, कुछ अच्छा नहीं
अब के सावन में बरखा नहीं
अब के सावन में बरखा नहीं
करे किस पे भला कोई भरोसा, भरोसा
हो, करे किस पे भला कोई भरोसा
दे सकता है कोई भी धोखा
इस रात की, हाँ-हाँ
इस रात की सुबह नहीं
अब के सावन में बरखा नहीं
अब के सावन में बरखा नहीं
आँगन की तुलसी है रोई
आँगन की तुलसी है रोई
आँसू की माला पिरोई
अब के पूनम में, हाँ-हाँ
अब के पूनम में चंदा नहीं
अब के सावन में बरखा नहीं, हो
अब के सावन में बरखा नहीं
टूटकर माला बिखर गई रे
टूटकर माला बिखर गई रे
उम्र सारी गुज़र गई रे
इस से गहरा कोई सदमा नहीं
अब के सावन में बरखा नहीं
अब के सावन में बरखा नहीं
सूना है मन, सूना है मन
सूना है मन, कुछ अच्छा नहीं
अब के सावन में बरखा नहीं, हो
अब के सावन में बरखा नहीं
Writer(s): Laxmikant Kudalkar, Sharma Pyarelal, Amit Khanna<br>Lyrics powered by www.musixmatch.com
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4m 33s · Hindi